ऑटोमोबाइल इंजीनियर

कैरियर

ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग वाहन इंजीनियरिंग की ही एक शाखा है जिसके अंतर्गत सभी वाहनों जैसे की मोटरसाइकिल बस ट्रक ट्रैक्टर इत्यादि के डिजाइन और उन का निर्माण किया जाता है। इस इंजीनियरिंग के लिए मैकेनिकल इलेक्ट्रिक सॉफ्टवेयर और सेफ्टी इंजीनियरिंग की भी जरूरत पड़ती है क्योंकि इन सभी का काम भी ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग के अंदर किया जाता है.ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग के अंतर्गत वाहनों के सभी पुर्जे का निर्माण और पूरा एक वाहन तैयार या उसमें बदलाव करने के बारे में अध्ययन करवाया जाता है.ऑटोमोबाइल इंजीनियर का काम किसी भी वाहन का डिजाइन, विकास, निर्माण, और परीक्षण करना होता है।

अगर आपकी भी रुचि नए नए वाहन के डिजाइन बनाने में और उनका निर्माण करने में है तो ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग आपके लिए एक बढ़िया इंजीनियरिंग की शाखा है जिसके अंतर्गत आप सभी वाहनों के निर्माण और उन के डिजाइन के बारे में अध्ययन कर सकते हैं. तो इस पोस्ट में आपको ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग क्या है, ऑटोमोबाइल इंजीनियर का वेतन , ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग बेसिक्स, ऑटोमोबाइल क्षेत्र के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं।

ऑटोमोबाइल इंजीनियर कैसे बने

अगर आप ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग से डिप्लोमा करना होगा उसके बाद आपको स्नातक की डिग्री करनी होगी। स्नातक डिग्री (B.E. / B.Tech ) हासिल करने के बाद में आप कहीं पर भी ऑटोमोबाइल इंजीनियर के रूप में काम कर सकते हैं और अगर आप आगे भी इसके बारे में पढ़ाई करना चाहते हैं तो आप इसके बाद मास्टर डिग्री कर सकते हैं। उसके बाद आप ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नौकरी कर सकते हैं या फिर आप एक ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग के अध्यापक बन सकते हैं।

ऑटोमोबाइल इंजीनियर कितने प्रकार के होते है

किसी भी वाहन को बनाने के लिए कई लोगों की जरूरत पड़ती है और बहुत सारा समय भी लगता है. इसीलिए ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग में सभी इंजीनियर को अलग-अलग पदों पर रखा जाता है ताकि एक वाहन का सारा काम एक अच्छे मैनेजमेंट ढंग से हो सके. इसीलिए ऑटोमोबाइल इंजीनियर को तीन भागों में बांटा गया है .

Product Or Design Engineer

ऑटोमोबाइल इंजीनियर का सबसे पहला भाग यहीं से शुरू होता है प्रोडक्ट और डिजाइन इंजीनियर किसी भी वाहन का डिजाइन तैयार करेंगे और उस डिजाइन के आधार पर ही वह वाहन बनाया जाएगा। प्रोडक्ट और डिजाइन इंजीनियर का काम सिर्फ वाहन का डिजाइन तैयार करना होता है।

Development Engineer

डिजाइन तैयार होने के बाद में उस डिजाइन के आधार पर उस वाहन के सभी पुर्जे बनाए जाते हैं। और वाहन के सभी पुर्जे बनाने का काम डेवलपमेंट इंजीनियर्स का होता है।

 Manufacture Engineer

 डेवलपमेंट इंजीनियर्स द्वारा बनाए गए किसी भी वाहन के पुर्जे को आपस में जोड़कर एक पूरा वाहन तैयार करने का काम मैनुफैक्चरिंग इंजीनियर्स का होता है। तो ऐसे अलग-अलग कामों के लिए अलग-अलग इंजीनियर बनाए जाते हैं तो आप अपनी रुचि के अनुसार इन तीनों पदों में से किसी भी एक पद पर ऑटोमोबाइल इंजीनियर के रूप में काम कर सकते हैं।

ऑटोमोबाइल इंजीनियर के लिए करियर

ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग करने के बाद में आपके सामने बहुत सारे नौकरियों के विकल्प हो जाते हैं। क्योंकि ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग के अंतर्गत बहुत सारे वाहनों का निर्माण करना आता है। इसीलिए आज के समय में जितने भी वाहन आप देखते हैं। उन सभी की कंपनियों में ऑटोमोबाइल इंजीनियर की जरूरत होती है।

ऑटोमोबाइल इंजीनियरकी सैलरी

ऑटोमोबाइल इंजीनियर की सैलरी  उसके काम और उसके पढ़ाई के ऊपर निर्भर करेगी। अगर आप डिप्लोमा करते हैं ऑटोमोबाइल इंजीनियर बनना चाहते हैं। तो आपकी सैलरी कम होगी क्योंकि एक डिप्लोमा होल्डर की सैलरी 10 से ₹15000 तक होती है तो इसी तरह आपकी सैलरी भी इतनी ही होगी। अगर आप डिग्री के बाद में ऑटोमोबाइल इंजीनियर बनते हैं। तो आपकी सैलरी 15 से ₹25000 तक होगी तो जैसे जैसे आप को काम का अनुभव होगा वैसे वैसे आपकी सैलरी बढ़ती रहेगी। एक अच्छे ऑटोमोबाइल इंजीनियर की सैलरी 35 से ₹40000 महीना हो सकती है। भारत के मुकाबले विदेशों में सभी इंजीनियर की सैलरी काफी ज्यादा होती है इसी तरह ऑटोमोबाइल इंजीनियर की सैलरी भी काफी अच्छी होती है।

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