कविता शायरी और गजलों के जरिए बता रहे कोरोना से बचने के उपाय, कला के माध्यम से फैला रहे हैं जागरूकता

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गोरखपुर: गोरखपुर महोत्सव व देवरिया महोत्सव के कवि सम्मेलनों की अपने शानदार व सफल संचालन से शोभा बढ़ा चुके, अपने नाम सैकडो नामचीन हस्तियों से आवार्ड पा चुके गोरखपुर शहर के सुप्रसिद्ध शायर व संचालक, साहित्यकार, व समाजसेवी मिन्नत गोरखपुरी (ई.मो. मिन्नतुल्लाह)ने इस कोरोंना काल में सोशल मीडिया के द्वारा अपनी कविता, गजलें, शायरी, एवं नज्मा और कला के माध्यम से लोगों को कोरोना वैश्विक महामारी के प्रति जागरूक किया और कोरोना वायरस से बचाओ के तरीके बताएं, मिन्नत गोरखपुरी विभिन्न राज्यों के साहित्यिक मंच जैसे पोएटिक आत्मा, अनकहे अल्फाज, साहित्यनामा, यंग जीनयस ग्रुप, रायबरेली साहित्यिक मंच, आदाब अर्ज है, एबीवीपी गोरखपुर महानगर, गोरखपुर लिटरेरी सोसायटी आदि से जुड़े हुए हैं। जिसके माध्यम से उन्होंने दर्जनों से अधिक लाइव सेशन कर इस मुश्किल घड़ी में उन लोगों तक खुशियां बांटने की कोशिश कर रहे हैं। कोरोना काल मे जहां चारों तरफ नकारात्मकता फैली हुई है। वही मिन्नत गोरखपुरी विभिन्न समाचार पत्रों एवं सप्ताहिक अखबारों टीवी चैनलों के द्वारा अपने कला के माध्यम से लोगों को जागरुक और इंटरटेन कर सकारात्मकता फैला रहे हैं।
मिन्नत गोरखपुरी ने बताया की गोरखपुर महोत्सव, देवरिया महोत्सव, कप्तानगंज महोत्सव, उर्दू एकैडमी लखनऊ, अमेठी यूनिवर्सिटी लखनऊ, कविता घाट, मारवाड़ी सेवा समिति गोरखपुर, के साथ-साथ गोरखपुर में जहां भी राम कथा का आयोजन होता है वहा कवि सम्मेलनों में मिन्नत गोरखपुरी अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। साथ ही साथ मिन्नत गोरखपुरी को मुंशी प्रेमचंद साहित्य सम्मान, स्वर्गीय मनोहर पारिकर साहित्य सम्मान, आबरू ए गजल खुमार बाराबंकवि आवाज, पूर्वांचल यूथ आईकॉन अवॉर्ड, सुभाष चंद्र बोस सम्मान रत्न से सम्मानित किया गया है।
वैसे तो मिन्नत गोरखपुरी को मिन्नत गोरखपुरी एवं मोहम्मद मिन्नतुल्लाह के नाम से यूट्यूब चैनल पर भी देखा जा सकता है। साथ ही साथ मिन्नत गोरखपुरी ने बताया कि वह मुनव्वर राणा, दिनेश बावरा, डॉक्टर कलीम कैसर, शबीना अदीब, शकील आज़मी, अंकिता सिंह, रामप्रकाश बेखुद, फ़ैज़ खुमार बाराबंकी, सलमान जफर, महेश अश्क जैसे नामी-गिरामी कवियों और शायरों के साथ मंच साझा कर चुके हैं।

मिन्नत गोरखपुरी के कुछ शेर………………
1_अपने साये से भी डर जाते हैं लोग,
रेजा_रेजा होकर बिखर जाते हैं लोग,
उतने कोरोना से नही मरते “मिन्नत”,
जितने यहां पर भूख से मर जाते हैं लोग।।

2_ जिंदगी को नया सफर देंगे,
फिर उम्मीदों से इसको भर देंगे,
लाकडाउन बस करें पालन,
हम कोरोना को मात कर देंगे ।।

3_हम भारत के वासी दुनिया जानती,
यही देश है जो कि वक्त संवारेगा,
हमने तो बस ये ते करके रखा है,
हम जीतेंगे और कोरोना हारेगा।।

4_इस हकीकत से किसी को क्या मतलब,
कर्ज सारा उतार जाता है,
जीत लेता है बाप दुनिया को,
अपने बच्चों से हार जाता है।

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