गोरखपुर: साल का पहला सूर्य ग्रहण रविवार को लग रहा है। सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। सूतक काल आज रात 10 बजकर पांच मिनट से शुरू हो जाएगा और अगले दिन रविवार को ग्रहण की समाप्ति पर खत्म होगा। सूतक काल से ग्रहण के समाप्ति तक मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे। इस दौरान मंदिरों में पूजा-अर्चना नहीं होगी। सूतक काल के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य, पूजा-पाठ, धार्मिक आयोजन नहीं किए जाते हैं। मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं, जिससे भगवान तक भी ग्रहण का अशुभ प्रभाव न पहुंच सके। सूतक काल का समय अशुभ होता है क्योंकि इस दौरान सूर्य और चंद्रमा का राहु ग्रास कर लेते हैं। माना जाता है ग्रहण के दौरान सबसे ज्यादा नकारात्मक ऊर्जा प्रभावी रहती है। सूतक के दौरान भगवान का ध्यान करना चाहिए ताकि नकारात्मक ऊर्जा को प्रभाव न पड़े। सूतक काल के दौरान धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन किया जा सकता है।