गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेश सिंह के मार्गदर्शन में स्नातक एवं परास्नातक प्रथम सेमेस्टर, द्वितीय सेमेस्टर सत्र 2021-22 एवं वार्षिक परीक्षा-2022 की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य की समीक्षा को लेकर एक बैठक का आयोजन शुक्रवार को मूल्यांकन समन्वयकों, पर्यवेक्षक और सहपर्यवेक्षकों के साथ संपन्न हुई।बैठक में कुलपति ने कहा कि मूल्यांकन कार्य में तेजी लाई जाए। 31 जुलाई तक अधिकांश बड़ी परीक्षाओं के परिणाम घोषित कर दिए जाएं। बैठक के दौरान समन्वयकों की ओर से मूल्यांकन के लिए शिक्षकों की कमी के मामले को प्रमुखता से उठाया गया। उन्होंने कहा कि शासन की ओर से कॉपियों के मूल्यांकन की सीमा 40 हजार रूपये निर्धारित की गई है। सेमेस्टर सिस्टम में परीक्षाएं बार-बार हो रही है। जिसवजह से शासन द्वारा निर्धारित पारिश्रमिक की सीमा को अधिकांश शिक्षक पार कर जा रहे हैं। ऐसे में मूल्यांकन कार्य प्रभावित हो रहा है। जिसपर कुलपति ने पारिश्रमिक की सीमा को 20 हजार रूपये बढ़ाकर 60,000 करने का आश्वासन दिलाया। कुछ शिक्षकों ने प्रश्नपत्र निर्माण और प्रायोगिक परीक्षाओं के पारिश्रमिक को भी 40,000 रूपये के पारिश्रमिक सीमा में शामिल किए जाने की बात उठाई। शिक्षकों ने कहा कि इससे शिक्षक मूल्यांकन कार्य में रूचि नहीं लेते हैं। जिसपर कुलपति जी ने प्रायोगिक परीक्षा और प्रश्नपत्र निर्माण के पारिश्रमिक को मूल पारिश्रमिक से बाहर रखने का भरोसा दिलाया।