गोरखपुर विश्वविद्यालयः मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार ने की गोरखपुर को मल्टीडिसीप्लिनरी एजुकेशन का हब बनाने पर चर्चा

गोरखपुर विश्वविद्यालय

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के शिक्षा सलाहकार प्रोफेसर डीपी सिंह ने आज गोरखपुर में स्थित चार विश्वविद्यालयों के कुलपति, एम्स की डायरेक्टर, आईसीएमआर-रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर तथा बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के साथ बैठक कर मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप गोरखपुर को मल्टीडिसीप्लिनरी एजुकेशन हब बनाने पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार की अध्यक्षता में यह दूसरी बैठक है। इस महत्वपूर्ण बैठक में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.राजेश सिंह, महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एके सिंह, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल (रि) अतुल बाजपेई, मदन मोहन मालवीय टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो.जेपी पांडेय तथा एम्स गोरखपुर की डायरेक्टर सुरेखा किशोर, आईसीएमआर-रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर डॉ रजनीश श्रीवास्तव और बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ गणेश प्रसाद शामिल हुए।
बैठक में चर्चा का प्रमुख विषय था की किस तरीके से विश्वविद्यालयों के बीच तथा महाविद्यालयों के बीच संवाद को बढ़ाया जाए। जिससे, गोरखपुर को एक मल्टीडिसीप्लिनरी एजुकेशन हब के रूप में विकसित किया जा सके।

शोध की संस्कृति एवं गुणवत्ता को बढ़ावा
प्रो डीपी सिंह ने पूर्वांचल में शोध की संस्कृति एवं गुणवत्ता को बढ़ावा देने पर जोर दिया। शोध की संस्कृति एवं गुणवत्ता में क्षेत्र के विश्विद्यालय तथा महाविद्यालय को और कार्य करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार ने कहा कि हर विश्विद्यालय तथा महाविद्यालय में यूजीसी की गाइडलाइंस के अनुसार रिसर्च डेवेलपमेंट सेल का गठन होना चाहिए। सेल को संचालित करने के लिए निदेशक के नेतृत्व में पांच समितियों का भी गठन होना चाहिए। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने सेल का गठन किया गया है। यह सेल गुणवत्तापूर्ण शोध को प्रोत्साहन देने का कार्य करे जो नई शिक्षा नीति के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में सार्थक योगदान दे।
गोरखपुर में स्थित एक इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी, एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी तथा एक पब्लिक यूनिवर्सिटी एक साथ आकर शिक्षा के क्षेत्र में एक पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप का अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत कर सकते हैं। इसमें दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय एक अग्रणी भूमिका निभा सकता है।
गोरखपुर में मानविकी विषयों, बेसिक साइंस, इंजीनियरिंग, मेडिसिन, पैरामेडिक, आयुर्वेद तथा वेटरनरी आदि के क्षेत्र में चारों विश्वविद्यालय, एम्स और मेडिकल कॉलेज कर रहे हैं। डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय बेसिक साइंस में बाकी संस्थाओं की मदद कर सकता है।
अंतर्राष्ट्रीय छात्रों तथा दूसरे राज्यों के छात्रों को आकर्षित करने पर जोर
इस बैठक में चर्चा हुई कि किस प्रकार से मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप अंतरराष्ट्रीय छात्रों को गोरखपुर में शिक्षा लेने के लिए आकर्षित किया जाए। अंतरराष्ट्रीय छात्रों के एडमिशन तथा प्लेसमेंट के लिए सभी विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयो के एक कॉमन पोर्टल बनाने पर भी चर्चा हुई। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए एक इंटरनेशनल होस्टल का निर्माण कर रहा है। सभी का प्रयास होगा की किस प्रकार अंतर्राष्ट्रीय छात्रों तथा दूसरे प्रदेश के छात्रों को आकर्षित किया जाए।
शिक्षा सलाहकार आज लेने नई शिक्षा नीति विषयक सेमिनार में हिस्सा
मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार शनिवार को महाराणा प्रताप महाविद्यालय जंगल धुसड, गोरखपुर तथा उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति और उसका कार्यान्वयन’ में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे।

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