‘जल ही जीवन है।‘‘ डॉ0 स्मृति मल्ल
गोरखपुर। राष्ट्रीय सेवा योजना, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के तत्वाधान में ‘‘नामामि गंगे एवं-जल संरक्षण’’ का कार्यक्रम दिनांक 22.11.2022 को प्रातः 11ः00 बजे किया गया। कार्यक्रम ‘‘नामांमि गंगे एवं जल संरक्षण पर संगोष्ठी’’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ0 स्मृति मल्ल, समन्वयक, ग्रीन कैम्पस, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर ने कहा कि जल ही जीवन है इसे संरक्षित रखना हमारा नैतिक धर्म एवं कर्म है। हम सभी को जल के महत्व और भविष्य में जल की कमी सम्बन्धित समस्या को समझना चाहिए। हमें अपने जीवन में उपयोगी जल के दुर उपयोग और प्रदूषण से बचाना चाहिए तथा हमें जल संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करते रहना चाहिए। कार्यक्रम अधिकारियों एवं स्वयंसेवकोंको जल संरक्षण शपथ दिलाते हुए कहा कि ‘‘हम भारत के जागरूक नागरिक निष्ठापूर्वक यह शपथ लेते है कि हम आज से जल का दुरूपयोग नहीं करेगें, जल दुरूपयोग न हो इसके लिए हम अपने परिवार, ईष्ट मित्रों एवं अपने आस-पास के लोगों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित करेंगे।’’ कार्यक्रम में डॉ0 जितेन्द्र कुमार कार्यक्रम समन्वयक ने कहा कि जल जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है इसलिए इनका संरक्षण अति आवश्यक है।
धरती पर समस्त जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए हवा, पानी और भोजन अति आवश्यक है। जल प्रकृति की अनमोल धरोहर है, इसे हमें बचाना है। हम सभी को सोच-समझ के साथ जल का सही उपयोग करना चाहिए। हमें जल संरक्षण को एक अभियान के रूप में अपने जीवन में लेकर लोगों को जल संरक्षण के लिए जागरूक करना होगा कि जल हमारा प्राकृति संसाधन है इसका संरक्षण अति आवश्यक है। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम अधिकारी डॉ0 जितेन्द्र कुमार कार्यक्रम समन्वयक ने किया। कार्यक्रम में भारी संख्या में स्वयंसेवक उपस्थित थे।