गोरखपुर। राष्ट्रीय सेवा योजना, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर के तत्वाधान ‘‘महिला सशक्तिकरण‘‘ कार्यक्रम के अन्तर्गत दिनांक 23 नवम्बर, 2022 को 12ः00 बजे आयोजन किया गया। डॉ0 जितेन्द्र कुमार, कार्यक्रम समन्वयक, राष्ट्रीय सेवा योजना, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर ने कहा कि आज के समय में भी महिलाएं शिक्षा, स्वास्थ, रोजगार व समानता के लिए जूझ रही है। ग्रामीण महिलाएं अशिक्षा के कारण अधिकार व कर्तव्य से अनभिज्ञ है। आज भी महिला जनप्रतिनिधि बैठक में अनुपस्थिति रहती है। उनके स्थान पर अभिभावक/पति या प्रतिनिधि के रूप में शामिल होते है। अतः महिलाओ को अपने अधिकार को समझना होगा तथा इसे स्वयं प्राप्त करना होगा। वर्तमान समय में महिला उत्पीड़न और दहेज प्रताड़ना महिलाओं को परेशान कर रखा है। अगर महिला चाहे तो समाज की दिशा और दशा दोनों की बदल सकती है इसके लिए सबसे जरूरी है महिलाओं को शिक्षित होना। तभी सही मायने में महिला सशक्तिकरण का उद्देश्य पूर्ण होगा।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो0 सुषमा पाण्डेय, आचार्य, शिक्षा शास्त्र विभाग, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर ने कहा कि प्राचीन काल से ही महिलाएं पूजी जा रही है इसका उदाहरण है त्रिदेवी की कल्पना। जब समाज को ज्ञान की जरूरत हुई तो माँ सरस्वती, जब धन की जरूरत हुई तो माँ लक्ष्मी, जब शक्ति की जरूरत हुई तो माँ दूर्गा को याद किया जाता है। इस ब्राम्हाण्ड में अद्भूति शक्तियाँ है जिसकी आराधना लोग करते है। फिर भी वर्तमान में कैसी स्थिति आ गयी की हर रोज महिलाएं शिकार होती है। हमें मनशा, वाचा कर्मणा सदैव बालिकाओं एवं महिलाओं के सुरक्षा के लिए लोगो को जागरूक करते रहना चाहिए हमें समाज में जाकर प्रत्येक व्यक्ति को देवी स्वरूप महिलाओं एवं बालिकाओं का सम्मान करने हेतु प्रेरित करनी चाहिए। हमें सामाजिक कुरितियों से दूर करना होगा तथा लोगो को इसके प्रति जागरूक करना होगा। डॉ0 कु0 सुनीता, कार्यक्रम अधिकारी ने कार्यक्रम में उपस्थिति सभी अतिथियों एवं स्वयं सेवकों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए स्वयंसेवकों को महिलाओं के प्रति बढ़ते साइबर क्राइम से बचने के लिए विभिन्न प्रकार की कानूनी धाराओे को स्पष्ट करते हुए जागरूक किया। कार्यक्रम में कार्यक्रम अधिकारीगण एवं स्वयंसेवक भारी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ सम्पन्न हुआ।