गोरखपुर विश्वविद्यालयः समाजशास्त्र विभाग के ‘शिकायत एवं निवारण प्रकोष्ठ’ द्वारा “वीमेन राइट एन्ड फीमेल सिक्योरिटी विद रेफेरेंस टू वीमेन एम्पावरमेंट” विषय पर विशेष व्याख्यान का हुआ आयोजन

गोरखपुर विश्वविद्यालय

गोरखपुर। वर्तमान समय में इंटरनेट के प्रयोग से बहुत लाभ हैं लेकिन उतने ही नुकसान भी हैं। युवाओं के बीच इसकी अनलिमिटेड एक्सेस होने से अनेक प्रकार की विकृतियां पैदा हो रही हैं। महिलाओं सुरक्षा के लिए भी यह बड़े खतरे के रूप में उपस्थित हो गया है। हालांकि यूपी पुलिस का डायल 112 तुरंत सुरक्षा देता है और त्वरित रेस्पॉन्स करता है। 1090 महिला सुरक्षा के बनाई गई है, जिसको लेकर मुख्यमंत्री जी काफी गंभीरता पूर्वक कार्य का करने का निर्देश देते हैं। इसके साथ ही समाज को महिला सुरक्षा को लेकर जागरूक होना होगा। स्त्री और पुरूष के बीच समन्वय ज़रूरी है। महिलाएं भविष्य की निर्माता है, उन्हें अधिकार के साथ कर्तव्य का भी निर्वहन करना होगा।
उक्त वक्तव्य पुलिस अधीक्षक, सेंट्रल स्टोर्स, कानपुर आईपीएस निहारिका शर्मा ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के ‘शिकायत एवं निवारण प्रकोष्ठ’ द्वारा “वीमेन राइट एन्ड फीमेल सिक्योरिटी विद रेफेरेंस टू वीमेन एम्पावरमेंट” विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान में विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए दिया।

समाजशास्त्र विभाग की अध्यक्ष प्रो. संगीता पाण्डेय ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण की वास्तविक स्थिति को समझने की जरूरत है। प्रो. सुभी धुसिया ने स्वागत और डॉ अनुराग द्विवेदी ने आभार ज्ञापन किया।
इस दौरान डॉ मनीष पाण्डेय, डॉ पवन कुमार समेत अनेक छात्र छात्राओं की उपस्थिति रही।

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