गोरखपुर विश्वविद्यालयः कुलपति द्वारा हिंदी, प्राचीन इतिहास एवं विधि विभाग का किया गया निरीक्षण

गोरखपुर विश्वविद्यालय

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर में (नैक ग्रेडिंग) की तैयारियों की चल रही समीक्षा। उसी क्रम में दिनांक 02.12 .2022 माननीय कुलपति प्रो राजेश कुमार सिंह द्वारा प्राचीन इतिहास विभाग, हिंदी विभाग एवं विधि संकाय के भवनों की व्यापक समीक्षा की गई।

सर्वप्रथम कुलपति प्राचीन इतिहास पुरातत्व एवं संस्कृति विभाग मे गए। विभाग के पिछले हिस्से को साफ करने का निर्देश दिया तथा खिड़कियों और अलमारियों में शीशे लगाने का भी निर्देश दिया। उसके बाद कुलपति विभाग के पुस्तकालय में गए वहां उन्होंने किताबों की रखरखाव और किताबों को सूची बद्ध तरीके से रखने तथा पुस्तकालय को आकर्षक बनाने का निर्देश दिया। उसके बाद कुलपति विभाग के कक्षाओं में गए वहां पर कक्षाओं की जमीन को ठीक करवाने तथा खिड़कियों में शीशे लगवाने और साफ-सफाई का भी निर्देश दिया। कक्षाओं की बिजली की व्यवस्था को ठीक करने पर खास जोर दिया।
माननीय कुलपति जी ने शिक्षकों के नाम लिखा हुआ साइन बोर्ड बनाने का और मुख्य द्वार पर लगवाने का निर्देश दिया।
किताबों को दिमक् से बचाने के लिए एंटी टरमाइट ट्रीटमेंट लगवाने पर जोर दिया।

तत्पश्चात कुलपति जी हिंदी विभाग में गए। वहां उन्होंने ऑफिस की मरम्मत करवाने और दीवारों को रंग रोगन करवाने का निर्देश दिया। कक्षाओं की प्रकाश व्यवस्था को ठीक करने पर खास जोर दिया। उसके बाद कुलपति जी विभाग के पुस्तकालय में गए वहां उन्होंने कुर्सियों को ठीक व्यवस्थित तरीके से रखने और पुस्तकालय को आकर्षक बनाने पर खास जोर दिया। उन्होंने पुस्तकों को क्रम संख्या के अनुसार रखने को कहा। उसके बाद कुलपति जी विभाग के कक्षाओं में गए और कक्षाओं की साफ सफाई का निर्देश दिया।

तत्पश्चात कुलपति जी विश्वविद्यालय के विधि विभाग में गए वहां उन्होंने मूट कोर्ट को ठीक ढंग से व्यवस्थित करने को कहा और साफ- सफाई पर खास जोर दिया। दीमक से बचाने के लिए खिड़की और दरवाजे पर एंटी टरमाइट ट्रीटमेंट लगवाने को कहा तथा दीमाक लगे दरवाजो को बदलने का निर्देश दिया। कुलपति जी ने परीक्षा में ज्यादा विद्यार्थियों के असफल होने पर डॉक्टर हरीश चंद्र पांडे, सहायक आचार्य विधि विभाग को कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा।

निरीक्षण के दौरान विश्वाविधालय के कुल सचिव विशेश्वर प्रसाद, प्राचीन इतिहास पुरातत्व विभाग के आचार्य एवं विभाग्याध्यक्ष प्रो. (कैप्टन) दिग्विजय नाथ मौर्य, हिंदी विभाग के प्रो. दीपक प्रकाश त्यागी, विधि विभाग के अधिष्ठाता प्रो. अहमद नसीम आदि मौजूद रहे।

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