गोरखपुर विश्वविद्यालयः कुलपति की अध्यक्षता में दूसरे दिन विश्वविद्यालय द्वारा संचालित कौशल विकास एवं रोजगारपरक स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों की हुई समीक्षा बैठक

गोरखपुर विश्वविद्यालय

विद्यार्थियों को आकर्षित करने के लिए गंभीर प्रयास की आवश्यकता:- कुलपति

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह की अध्यक्षता में दूसरे दिन विश्वविद्यालय द्वारा संचालित कौशल विकास एवं रोजगारपरक स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों की समीक्षा बैठक हुई।
इस महत्वपूर्ण बैठक में एक-एक पाठ्यक्रम की समीक्षा करते हुए कुलपति ने कहा कि स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रम समय की मांग है तथा ये भविष्य में विश्वविद्यालय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं। इन सभी पाठ्यक्रमों को एक साझा अध्यादेश से संचालित किया जाएगा।
बैठक में कुलपति ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप सभी प्रोग्राम में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा तथा डिग्री प्रदान करने की व्यवस्था करनी होगी। इसके लिए कॉमन क्रेडिट ऑवर की व्यवस्था बनानी होगी जिससे 6 महीने में सर्टिफिकेट, 1 साल में डिप्लोमा तथा 3 साल में यूजी तथा 2 साल में पीजी की डिग्री विद्यार्थियों को प्रदान की जा सके।
कुलपति ने सभी पाठ्यक्रमों में प्रगति की समीक्षा करते हुए आदेशित किया कि स्ववित्तपोषित कार्यक्रमों के सुचारू संचालन की जिम्मेदारी कोऑर्डिनेटर की है। जिन पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों ने प्रवेश नहीं लिए उनके कोऑर्डिनेटर द्वारा और गंभीर प्रयास कर विद्यार्थियों को आकर्षित होगा। जिन पाठ्यक्रमों में इस शैक्षणिक सत्र में प्रवेश नही हुआ तो कोऑर्डिनेटर से जबाब मांगा जाएगा।

बैठक में समन्वयको द्वारा इन पाठ्यक्रमों के अगामी सत्र में संचालित करने की कार्य योजना भी प्रस्तुत की गयी।
बैठक में विभिन्न पाठ्यक्रमों के सुचारू संचालन के लिए कोऑर्डिनेटर द्वारा शिक्षकों तथा अन्य संसाधनों की मांग पर भी स्वीकृति प्रदान की गई।
इस बैठक में सभी स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों के निदेशक प्रो विनय सिंह, कुलसचिव विशेश्वर प्रसाद, वित्त अधिकारी संत प्रकाश सिंह, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो अजय सिंह, अधिष्ठाता कला संकाय प्रो नंदिता सिंह तथा मुख्य नियंता प्रो गोपाल प्रसाद समेत सभी पाठ्यक्रमों के कोऑर्डिनेटर्स शामिल हुए।

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