विलुप्त हो रहे लोकगीतों को संजोना एकेडमी का उद्देश्यः उत्तर प्रदेश संगीत नाटक एकेडमी

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गोरखपुरः अपनी पारम्परिक लोकगीतों को संजोना एवं उभरते हुए प्रतिभाओं को मंच प्रदान करना उत्तर प्रदेश संगीत नाटक एकेडमी का उद्देश्य है। यह बातें उत्तर प्रदेश संगीत नाटक एकेडमी के सचिव तरुण राज ने एकेडमी द्वारा 20 दिवसीय अवधी एवं भोजपुरी लोकगीतों की कार्यशाला के ऑन लाइन शुभारंभ पर प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का निर्देशन का दायित्व वरिष्ठ लोक गायक राकेश श्रीवास्तव को दिया गया है जिनके निर्देशन में प्रयागराज, गुरुग्राम, लखनऊ, गाजीपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, महराजगंज, देवरिया और गोरखपुर के 60 प्रतिभागी प्रशिक्षण ले रहे है, ढोलक पर संगत मो शकील कर रहे है। राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि इस कार्यशाला में लुप्त हो रहे पारंपरिक अवधी एवं भोजपुरी संस्कार गीत जिसमें सोहर, मुंडन, जनेऊ एवं विवाह संस्कार के तमाम गीतों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, यह कार्य शाला 5 जून से 25 जून तक प्रतिदिन प्रातः 8 बजे से 9 बजे तक चलेगी।

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