गोरखपुर: देश में फ़ैले वैश्विक महामारी से से लॉक डाउन के कारण हर तबका परेशान था वही शहरों में फंसे प्रवासी मजदूर, राहगीर, ठेला, खोमचा, चलाने व प्रतिदिन मज़दूरी कर अपने परिवार का पेट पालने वाले गरीब भूखे मरने के लिए मजबूर थे। जिनका दर्द देख गोरखपुर अंबेडकर छात्रवास के कुछ छात्रों ने अपने पॉकेट मनी के खर्च को मिला “छात्र कम्युनिटी किचन” चलाने का प्रण लिया और तारामंडल में फँसे 200 लोगों को भोजन करना शुरू किया। वही इस कार्य को देख अन्य साथियों ने भी अपना हाथ बढ़ाया जिसके बाद झारखंडी, सिंघड़िया व रेल म्यूजियम के पास के लोगों के साथ इस टीम ने लगभग 400 लोगों को प्रतिदिन भोजन लगातार 55 दिनों से कराया जा रहा हैं।
छात्र कम्युनिटी किचन के संयोजक छात्रनेता पवन कुमार ने बताया कि मानवता के लिए किया गया कार्य ही इंसानियत के परिभाषा है इस पुनीत कार्य में मुख्य सहयोगी छात्रनेता सत्येन्द्र भारती रहे, जिनके वाहन व भोजन बनाने की कला के कारण ही हम लोगों को भोजन करा पा रहे थे उन्होंने कहा कि आज किचन का 55वां दिन है साथ ही इस किचन कि एक महत्वपूर्ण बात यह भी हैं कि इस किचन ने हर दिन अलग अलग व पौष्टिक भोजन खिलाया कभी पूड़ी-सब्जी-खीर, दाल, चावल, कड़ी-चावल, छोला-चावल, कभी- कभी साथ में बच्चों के लिए हलुआ भी दिया जाता रहा है। उन्होंने कहा इस वैश्विक महामारी में भूख से तड़पते बच्चे, बूढ़े महिलाओं को देख आंखों से आंसू निकल आते थे। जिन्हें भोजन करा आत्मा प्रफुल्लित हो उठता था। भोजन लेने वालों में बड़ी संख्या में महिलायें और बुजुर्ग आते है जो अधिकांशतः झाड़ू पोछा और साफ-सफाई का काम करती है जिनको अब भी रोजगार नही मिल पा रहा है इस कम्युनिटी किचन से लगातार 55 दिनो तक सेवाकार्य करना सिर्फ हमारे व हमारे टीम के साथी की बस की बात नहीं थी। इसमें हमारे संरक्षको की भी अहम भूमिका रही जिसमें गोरखपुर विश्विद्यालय के प्रोफेसर पूर्व प्रॉक्टर डॉ गोपाल प्रसाद, पूर्वांचल सेना अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप, कॉमरेड सुजीत श्रीवास्तव, भीम आर्मी जिलाध्यक्ष रविन्द्र गौतम, एसआरबीकेयू ज़ोनल अध्यक्ष अमरजीत प्रसाद व सहयोगी में सोनू सिद्धार्थ, सुरेन्द्र वाल्मिकी, अनिल बौद्ध, अमित कुमार, विवेक कुमार, राधेश्याम निषाद, विवेक वर्मा, शैलेन्द्र कुमार, आशीष मगहियां, मंजेश असुर, सन्नी निषाद, योगेन्द्र प्रताप आदि लोगों का भी सहयोग रहा।