खुले धार्मिक स्थलों पर लोगों ने की पूजा अर्चना। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च में लोगों की दिखी आस्था

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गोरखपुर। सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सोमवार को धार्मिक स्थल मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा चर्च इत्यादि खुल गए। अपनी आस्था और अपने धर्म के अनुसार लोग मंदिर मस्जिद चर्च गुरुद्वारे में पूजा नमाज तथा प्रार्थना की। प्रवेश से पहले गाइडलाइन के अनुसार थर्मल स्क्रीनिंग सैनिटाइजिंग के बाद ही अंदर प्रवेश मिला तथा सोशल डिस्टेंस इन का विशेष ध्यान रखा गया। मंदिरों में प्रतिमा को स्पर्श करने नहीं दिया गया तथा घंटियों को भी बजाने से मनाही थी। हालांकि मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा चर्च में उतनी भीड़ नहीं देखी गई। महानगर के मंदिर गोरखनाथ मंदिर विष्णु मंदिर बेतियाहाता हनुमान मंदिर बुढ़िया माई मंदिर, झारखंडी मंदिर, तरकुलहा देवी मंदिर के साथ-साथ मोहद्दीपुर गुरुद्वारा धर्मशाला गुरुद्वारा तथा सेंट थॉमस चर्च और बड़ी मस्जिद मदीना मस्जिद में लोगों ने अपनी आस्था के अनुसार अपने इष्ट देव के दर्शन किए।
   मिली जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह से ही मंदिर खुलते ही श्रद्धालुओं  का आना शुरू हो गया मंदिर गेट के बाहर ही थर्मल स्क्रीनिंग तथा सैनिटाइजिंग कराकर मंदिरों में प्रवेश कराया गया। मंदिर की घंटियां भी श्रद्धालुओं के स्पर्श से दूर रखी गई थी। महानगर के गोरक्षनाथ मंदिर में गेट पर ही थर्मल स्कैनिंग कराने के बाद तथा सैनिटाइजिंग कराने के बाद मंदिरों में प्रवेश दिया गया सभी पुजारी तथा कर्मचारी सतर्क दिखाई दिए। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए पुजारी नजर आए। लोगों ने दूर से ही गुरु गोरक्षनाथ के दर्शन किए। साथ ही चर्च में भी गाइडलाइन के अनुसार पांच पांच लोग ही प्रवेश कर पाए सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर ही प्रार्थना सभाएं की गई। महानगर की मस्जिदों में भी सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर लोग नमाज अदा की। नमाजियों का कहना था कि काफी समय के बाद मस्जिदों में नमाज पढ़ने का अवसर मिला है यह हमारे सरकार की हमारे ऊपर बड़ी कृपा है। गुरुद्वारा में भी मोहद्दीपुर गुरुद्वारा की बात करें तो वहां भी श्रद्धालु 55 लोग आकर सोशल डिस्टेंसिंग से वाहेगुरु मत्था टेकते गए तथा आशीर्वाद लेकर अपने गंतव्य स्थान को निकलते गए। साथ ही महानगर के महादेव झारखंडी मंदिर में भी पुजारी ने कहा कि यहां सरकार के निर्देश के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग मना कर लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है मंदिर में घुसने से पहले लोग अपने हाथों को सैनिटाइज कर रहे हैं घंटियों तथा प्रतिमाओं को स्पर्श करना मना है। आज पहला दिन है थोड़ी मुश्किल जरूर हो रही है धीरे-धीरे सब सामान्य हो जाएगा।
 इसी क्रम में चौरीचौरा क्षेत्र की ऐतिहासिक धर्मस्थली माता तरकुलही धाम के कपाट 79 दिनों के बाद देश के सभी धर्म स्थलों के साथ खोल दिए गए लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण का भय आस्था पर भारी दिखा क्योंकि सोमवार का दिन यहां के लिए विशेष दिन होता है फिर भी दर्शनार्थियों की संख्या कम दिखाई दिया।

प्राप्त समाचार के अनुसार माता तरकुलहा धाम पूर्वांचल का एक विख्यात धर्म स्थल है जहां सामान्य दिनों में भी भारी संख्या में भक्तों का हुजूम लगा रहता है लेकिन वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के संक्रमण के कारण दिनांक 20 मार्च 2020 से मंदिर के कपाट के साथ-साथ यहां की सभी दुकानों को पूर्ण रूप से बंद करा दिया गया जो 79 दिनों के बाद सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए खोला गया किंतु सामान्य से भी काफी कम संख्या में भीड़ दिखाई दिया। क्षेत्रीय दर्शनार्थी एवं स्थानीय व्यापारियों ने बताया कि कोरोना संक्रमण का डर, बकरों की बलि, बूचड़खाने एवं सामान्य समारोहों पर भी मेला परिसर में रोक लगा हुआ है सिर्फ मुंडन कार्यक्रम कढ़ाई चढ़ाने एवं कथा सुनने के लिए अनुमति दी गई है वह भी सरकार के दिशा-निर्देशों का पूर्ण रुप से पालन करते हुए यही कारण है कि दर्शनार्थी काफी कम संख्या में दर्शन करने आ रहे हैं।

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