दिग्विजय नाथ पीजी कॉलेज: डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध कंटेंट को ई-कंटेंट कहते हैं- डॉ पवन कुमार पाण्डेय

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गोरखपुर: दिग्विजय नाथ पीजी कॉलेज के कुशल शिक्षकों द्वारा विभिन्न विभागों के शिक्षकों हेतु ई-कंटेंट एवं ऑनलाइन क्लासेज विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला के प्रथम दिन प्रथम सत्र में विषय विशेसज्ञ डॉ पवन कुमार पाण्डेय, प्रभारी, कंप्यूटर विज्ञान विभाग दिग्विजयनाथ पी जी कॉलेज गोरखपुर ने ई-कंटेंट को परिभाषित करते हुए कहा कि आपके पास अध्ययन के लिये बहुत-सी किताबें, पत्रिकाएं आदि सामग्री होगी। यह सामग्री आपके पास पेपर पर उपलब्ध है। इस सामग्री को हम आजकल बोल-चाल की भाषा में पेपर-कंटेंट कहते हैं। इससे अलग यदि यही कंटेंट डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में हो तो उसे ई-कंटेंट कहते हैं। इसके अलावा ई-कंटेंट को और भी आकर्षित व प्रभावशाली बनाने के लिए आप पीपीटी, ऑडियो एवं वीडियों कंटेंट तैयार कर सकते हैं। कोई भी ई-कंटेंट तैयार करते समय आप ये ध्यान दे कि आप किस स्तर के विद्यार्थी हेतु यह कंटेंट तैयार कर रहे हैं। इसके बाद आप एप्लीकेशन तय करें जिसकी सहायता से आप अपना ई-कंटेंट तैयार करेंगे। डॉ पाण्डेय ने बताया कि आप पीडीएफ फॉर्म में भी अपने कंटेंट तैयार कर कॉलेज वेबसाइट पर अपलोड कर सकते हैं। ऑडियो एवं वीडियो कंटेंट तैयार करने के लिए उन्होंने विशेष रूप से दो एप्लीकेशन प्रेजेंटेशन ट्यूब रिकॉर्डर और फ्री कैम 8 एप के बारे में बताया।


कार्यशाला के दूसरे सत्र में डॉ सत्यपाल सिंह, डॉ कमलेश मौर्य, डॉ सुभाष चंद्रा, डॉ नितेश शुक्ल, डॉ अनुराधा और डॉ दीपक साहनी ने विभिन्न विभागों के शिक्षकों को विशेसज्ञ के रूप में पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन तैयार करने के साथ ही कुछ महत्वपूर्ण एप्लीकेशन की जानकारी भी साझा की।
कार्यशाला के प्रथम दिवस के समापन सत्र में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने सभी प्रशिक्षकों के साथ प्रतिभाग करने वाले के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि आप सभी इस कार्यशाला का लाभ लेते हुए ई-कंटेंट तैयार करें और ऑनलाइन शिक्षण की तैयारी पूर्ण कर लें। जिससे कि 04 अगस्त 2020 से ऑनलाइन कक्षायें संचालित की जा सकें। इस अवसर पर महाविद्यालय के शिक्षक डॉ सत्येंद्र प्रताप सिंह, डॉ धीरेंद्र प्रताप सिंह, डॉ आर.पी यादव, डॉ नित्यानंद श्रीवास्तव, डॉ शशिप्रभा सिंह सहित विभागों के अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।

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