गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में संचालित कृषि संकाय के शैक्षिक उन्नयन के साथ विद्यार्थियों और शिक्षकों के मार्गदर्शन के लिए सोमवार को कृषि विशेषज्ञों ने विश्वविद्यालय का भ्रमण किया। इस दौरान शिक्षकों और विद्यार्थियों से संवाद कर गुणवत्तापूर्ण शोधकार्यों को बढ़ावा देने और कृषि क्षेत्र में उपलब्ध असीम संभावनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की। प्रशासनिक भवन स्थित कुलपति कार्यालय पर सर्व प्रथम कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। सरदार पटेल यूनिवर्सिटी बालाघाट मध्यप्रदेश के पूर्व कुलपति प्रो आरके सिंह ने कहा कि कृषि क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शोधकार्य, रोजगार की अच्छी संभावनाएं हैं। हमें अपने अध्यापन के तरीकों को भी अपग्रेड करने की जरूरत है। महज, कक्षा अध्ययन ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं हैं। हमें सफल किसानों के साथ विद्यार्थियों को मिलाने की जरूरत है। जिससे, विद्यार्थी केवल 15-20 हजार रूपये की नौकरी हासिल करने की बजाय। उन तरीकों का इस्तेमाल कर अपनी आमदनी बढ़ाने की दिशा में प्रशस्त हों और रोजगार देने वाले बनें। इसके साथ ही हर महीने, सफल किसानों, रिसोर्स पर्सन, कृषि संस्थानों के वैज्ञानिकों के साथ भी ऑनलाइन, ऑफलाइन मोड में संवाद कराना बेहद कारगार होगा। इससे विद्यार्थियों और शिक्षकों का ज्ञानवर्धन होगा। उत्तर प्रदेश काउंसिल फॉर एग्रीकल्चर रिसोर्स के महानिदेशक डॉ. संजय कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय में कृषि के अध्यापन से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने में संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा हर संभव मदद की जाएगी। विश्वविद्यालय प्रोजेक्ट वर्क के प्रस्ताव तैयार कराकर भिजवाए। उसे फंड दिलाने का प्रयत्न किया जाएगा। लोकल स्तर पर औषधीय पौधों की नर्सरी विकसित करने के लिए आयुष मंत्रालय से शोध परियोजनाएं हासिल करने का भी प्रयास करें। डॉ. केके सिंह ने कहा कि लैब की रिसर्च से उतना फायदा नहीं होगा, जब तक विद्यार्थियों को फिल्ड में न भेजा जाए। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट तैयार करते वक्त लोकल स्तर की समस्याओं का ध्यान अवश्य रखें। इसके लिए सर्वे का सहारा लिया जा सकता है। कृषि संकाय के कोआर्डिनेटर प्रो. अजय सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया।