गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण एवं उत्कृष्ट शोध को आगे बढ़ाने के लिए कुलपति प्रो राजेश सिंह ने विभागध्यक्षो को निर्देशित किया है की सत्र 2019-20 और 2020-21 के सभी शोधार्थियों के पंजीकरण की प्रक्रिया विश्वविद्यालय के ऑर्डिनेंस के अनुसार अविलंब शुरू कर दी जाए तथा इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए।
इसके साथ ही कुलपति प्रो सिंह ने सत्र 2020-21 के शोधार्थियों को फेलोशिप प्रदान करने की प्रक्रिया की भी
विभागध्यक्षो द्वारा अविलंब शुरू करने का निर्देश दिया है।
कुलपति ने कहा कि पीएचडी 2019-20 और 2020-21 में छात्रों का पंजीकरण के बाद जल्द से जल्द पंजीकृत छात्रों को विभागीय शोध समिति के माध्यम से शोध पर्यवेक्षक आवंटन करने, शोध के टॉपिक का आवंटन करने तथा उनके सिनॉप्सिस को मंजूरी देने का कार्य किया जाए।
कुलपति प्रो सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसी व्यवस्था बना रहा है जो शोधार्थियों की हितैषी हो तथा गुणवत्तापूर्ण शोध को बढ़ावा दें। इसके लिए जिन शोधकर्ताओं को किसी और संस्था से स्कॉलरशिप या फेलोशिप नहीं मिल रही उन सभी को विवि फेलोशिप प्रदान करेगा।
छात्र हित में बैठक में निर्णय लिया गया कि शोधार्थी मूल्यांकन के लिए शोधग्रंथ (थीसिस) की सॉफ्ट कॉपी जमा कर सकेगा। शोधग्रंथ (थेसिस) का मूल्यांकन भी ऑनलाइन किया जा सकेगा। इसके साथ ही शोधकर्ताओं का साक्षात्कार भी ऑनलाइन किया जायेगा जिसकी रिकॉर्डिंग की जाएगी।
शोधग्रंथ का Plagiarism का टेस्ट शोधकर्ता स्वयं कर सकता है। उसके बाद सुपरवाइजर तथा विभागाध्यक्ष से अग्रसारित किया जाएगा जिसका सत्यापन डायरेक्टर (शोध) तथा अधिष्ठाता छात्र कल्याण द्वारा करने के बाद plagiarism का सर्टिफिकेट जारी किया जायेगा।