गोरखपुर विश्वविद्यालयः चौथे लाइफ साइंस रिफ्रेशर कोर्स का हुआ समापन, रिफ्रेशर कोर्स मे करीब 8 राज्यों के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के असिस्टेंट प्रोफेसरो ने किया प्रतिभाग

गोरखपुर विश्वविद्यालय

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के यू जी सी ह्यूमन रिसोर्स डेवलोपमेन्ट सेन्टर और बायोटेक्नोलॉजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में संचालित किए जा रहे चौथे लाइफ साइंस रिफ्रेशर कोर्स का समापन सम्पन्न। 14 दिन चलने वाले रिफ्रेशर कोर्स का समापन हो गया। इस रिफ्रेशर कोर्स मे करीब 8 राज्यों के विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रतिभाग कर रहे थे। 14 दिन तक देश के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों ने लाइफ साइंसेज से जुङे विशेष व्याख्यान दिए।
समापन सत्र की मुख्य अतिथि डॉ शुभ्रा चक्रवर्ती, डायरेक्टर, एनआईपीजीआर, नई दिल्ली ने कहा कि जीनोमिक्स एक मौलिक अनुशासन है जिस पर भविष्य का मानव कल्याण निर्भर है। उन्होंने कहा कि एक विश्व- एक स्वास्थ की अवधारणा तभी फलीभूत होगी जब हम मानव व अन्य जानवरों के बीच अंतरसंबंधों और स्वास्थ्य के अन्योन्याश्रिताओं को ठीक से समझें। डाॅ. शुभ्रा ने खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र मे हो रहे वैज्ञानिक अनुसंधानों से परिचित कराया। इसके पूर्व ह्यूमन रिसोर्स डेवलोपमेन्ट सेंटर के निदेशक प्रो रजनीकांत पाण्डेय ने अतिथियों का स्वागत किया तथा कहा कि रिफ्रेशर कॉर्स के सभी प्रतिभागी प्राप्त ज्ञान का प्रसार अपने संस्थानों में अवश्य करेंगे। सत्र की अध्यक्षता करते हुए डॉ एन के सिंह, आई ए आर आई, नई दिल्ली, ने कहा कि कृषि के क्षेत्र मे अनुसंधान के लिए देश के किसानों से बातचीत करनी चाहिए। तभी अनुसंधान का सही लाभ देश को मिल सकेगा। अनुसंधान में हमारी प्राथमिकता सामाजिक आवश्यकता के अनुरूप होनी चाहिए। यह अनुसंधान सामाजिक वरीयता, शिक्षण और प्रशिक्षण पर आधारित हो। कोर्स समन्यवक प्रो शरद मिश्र ने सभी सत्रों के विभिन्न विषयों पर हुए व्याख्यान का सारांश प्रस्तुत किया। प्रो दिनेश यादव ने अतिथियों का परिचय कराया तथा विभागाध्यक्ष प्रो राजर्षि गौड़ ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर प्रतिभागियों ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रतिपुष्टि भी दिया।

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