गोरखपुर। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. महबूब हसन को गोरखपुर के महत्वपूर्ण साहित्यिक मंच “दायर-ए-अदब” की तरफ़ से उन्हें सम्मानित किया गया। ये सम्मान उन की साहित्यिक सेवाओं के लिए प्रदान किया गया। इस ख़ास अवसर पर शहर की कई अहम और प्रतिष्ठित शख्सियतें मौजूद रहीं।
इस आयोजन में डॉ. महबूब हसन की साहित्यिक सेवाओं और उन के द्वारा लिखित पुस्तकों पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला गया। विभिन्न विधाओं पर आधारित उन की कुल पांच पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। बाल साहित्य से संबंधित दो रचनाएं “जंगल जंगल” और “तितली रानी” हैं, जबकि शोध और आलोचना पर आधारित “निकात-ए-फिक्शन” और “इस्मत चुग़ताई व जैन आस्टिन” हैं। “टुंडे कबाब” उन की सुप्रसिद्ध हास्य व्यंग रचना है, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महत्वपूर्ण साहित्यिक पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।