गोरखपुर। वर्तमान समय में ऑनलाइन शिक्षा के बढ़ते महत्व को देखते हुए उच्च शिक्षा मंत्रालय ने नियोजित प्रयास किया है। वर्तमान युग में शिक्षा प्राप्त करने का एक सुगम तरीका है ऑनलाइन शिक्षा। आधुनिक समय में ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली एक वरदान की तरह है। ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली से शिक्षा प्रणाली शिक्षा को नया आयाम प्राप्त हो रहा है और शिक्षण एवं शोध की गुणवत्ता भी बढ़ रही है।
उक्त वक्तव्य दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के यूजीसी एचआरडीसी के तत्वावधान में आईटीसी पर आयोजित ऑनलाइन पुनश्चर्या पाठ्यक्रम के सातवें दिन आयोजित एक सत्र में “ऑनलाइन लर्निग एन्ड डिजिटल इनिशिएटिव ऑफ मिनिस्ट्री ऑफ हायर एजुकेशन” विषय पर सम्बोधित करते हुए अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने दिया।
प्रो. शुक्ल ने स्वयं, स्वयं प्रभा, ई-विद्वान, डिजिटल लाइब्रेरी, शोध गंगा, शोध गंगोत्री, शोध सिंधु एवं शोध शुद्धी जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में भी विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इन सभी शिक्षण प्रविधियों के माध्यम से उच्च शिक्षा और शोध में व्यापक सुधार किए जा रहे हैं। इससे विद्यार्थियों की शिक्षा तक समान पहुँच भी संभव हो पा रही है।
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए प्रो. शुक्ला ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ही स्वयंप्रभा ने 34 चैनल उपलब्ध कराए हैं, जिसके माध्यम से अलग-अलग विषयों पर व्याख्यान सुना जा सकता है।
पुनश्चर्या पाठ्यक्रम के समन्वयक एवं भौतिकी विभाग के आचार्य प्रो. उमेश यादव ने स्वागत भाषण एवं विषय प्रवर्तन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सिंटू कुमार ने किया। इस दौरान देश के विभिन्न महाविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के 60 से अधिक प्रतिभागियों की उपस्थिति रही।