विद्यार्थियों को विकसित करनी होगी ऐकैडमिक काम्पिटेंस- प्रोफेसर अजय सिंह
गोरखपुर। मनोविज्ञान विभाग में आयोजित हुए नैकोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ प्रोफेसर धनंजय कुमार ने सबका विभाग में स्वागत कर किया इसके पश्चात विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनुभूति दुबे व अन्य अतिथि गढ़ ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद मनोविज्ञान के परास्नातक के छात्रों ने सरस्वती वंदना व कुल गीत प्रस्तुत कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मनोविज्ञान विभाग में नैकोत्सव के लिए उपस्थित अतिथि गण प्रोफेसर अनुपम नाथ त्रिपाठी, प्रोफ़ेसर प्रेम सागर तिवारी, प्रोफेसर सुषमा पांडे, आइक्यूएसी डायरेक्टर प्रोफेसर अजय सिंह, एवं आइक्यूएसी कोऑर्डिनेटर नंदिता आईपी सिंह एवं अन्य महाविद्यालयों से उपस्थित मनोविज्ञान परिवार का विभाग अध्यक्ष महोदय ने विभाग में पुनः उनका स्वागत किया स्वागत किया।
वहां मौजूद सभी अतिथि गण को विश्वविद्यालय की नैक ए प्लस प्लस की उपलब्धि पर बधाई दी गई और पौधे एवं फूलों की माला पहनाकर उनका स्वागत किया गया।
इसके पश्चात मनोविज्ञान विभाग के नैक ए प्लस प्लस की उपलब्धि में विभाग के अन्य कर्मचारियों की संहयोगिता को सराहने हेतु उन्हें सम्मानित किया गया।
इसके पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ और विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनुभूति दुबे ने नैक मूल्यांकन के बारे में बताते हुए विश्वविद्यालय परिवार को इसकी बधाई देते हुए कार्यक्रम को आगे बढ़ाया।
इसके पश्चात प्रोफेसर सुषमा पांडे पूर्व विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान विभाग ने विभाग के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए इस पर गौर फरमाया कि कैसे राष्ट्र स्तर पर दीनदयाल उपाध्याय के मनोविज्ञान विभाग की क्या उपलब्धियां है। राष्ट्रीय स्तर पर मनोविज्ञान में एक्सपेरिमेंटल साइकोलॉजी कैसे मनोविज्ञान विभाग के जड़ों में शामिल है। विभाग के इतिहास में जाते हुए उन्होंने प्रोफेसर लाल बच्चन त्रिपाठी, प्रोफेसर गिरीश्वर मिश्रा, प्रोफेसर आनंद प्रकाश जी जैसे अनुभवी लोगों का नाम लेते हुए बताया कि कैसे मनोविज्ञान विभाग पूरे विश्व में छाया हुआ है। उन्होंने इस बात पर गौर फ़रमाया कि कैसे मनोविज्ञान विभाग में ICSSR फेलोशिप की शुरुआत हुई और कैसे या विभाग बहुतेरे शुरुआतों के लिए उत्तरदाई है।
प्रोफेसर अजय सिंह आइक्यूएसी डायरेक्टर ने नाक इवैल्यूएशन की प्रक्रिया को बताया जिसमें 7 बिंदु होते हैं। उन्होंने बताया कि कैसे विश्वविद्यालय नैकउत्सव मना रहा है। जब विश्वविद्यालय ने नैक में ए प्लस प्लस रैंकिंग प्राप्त की थी तो कोलैबोरेशन के लिए अलग-अलग विश्वविद्यालयों और संस्थाओं से पत्र आने लगे इससे यह पता चलता है कि हमारे विश्वविद्यालय और मनोविज्ञान विभाग का इतिहास कितना ग्लोरियस और उच्च स्तर का रहा है। विश्वविद्यालय का और मनोविज्ञान विभाग की जड़ें कितनी मजबूत है।
प्रोफ़ेसर अजय सिंह , आइक्यूएसी डायरेक्टर और नंदिता आई पी सिंह आइक्यूएसी, कोऑर्डिनेटर ने बताया कि कैसे मनोविज्ञान विभाग ने नैक में अपना योगदान दिया और उसे साथ कैसे साबित किया उन्होंने बताया कि नैक में मनोविज्ञान विभाग के वर्तमान में दो चीजों को बहुत सराहा पहला स्वस्ति काउंसलिंग सेंटर जिसके बारे में नैक अतिथियों ने बहुत चर्चा की और मनोविज्ञान विभाग की लाइब्रेरी जिसमें इंटरनेशनल जर्नल्स वॉल्यूम्स रखे हैं जो इसे बहुत रिच बनाते हैं। आइक्यूएसी कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर नंदिता आई पी सिंह ने बताया कि कैसे मानसिक स्वास्थ्य जो आज का ज्वलंत मुद्दा है सिर्फ विश्वविद्यालय में ही नहीं बल्कि पूरे समाज में पूरे विश्व में और मनोविज्ञान विभाग स्थित स्वस्ति साइकोलॉजिकल परामर्श केंद्र ने बहुतेरे आत्महत्या के और अन्य प्रकार के मनोवैज्ञानिक डिसऑर्डर्स को सही कर लोगों को अपने जीवन में आगे बढ़ाया है। प्रोफेसर पीएसएन तिवारी ने विश्वविद्यालय को नैकोत्सव के लिए बधाई दी और उन्होंने बताया कि कैसे आज तक जब भी कुलपति का एड्रेस होता है तो विश्वविद्यालय के एक्सीलेंस में सबसे पहले नाम मनोविज्ञान विभाग का लिया जाता है। उन्होंने विश्वविद्यालय और मनोविज्ञान विभाग के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे मनोविज्ञान विभाग को डिपार्टमेंट ऑफ स्पेशल असिस्टेंट घोषित किया गया था और इंटरनेशनल प्रोजेक्ट जो 140 देशों में चल रहा था वह मनोविज्ञान विभाग को मिला 2008 से 2015 तक।
प्रोफेसर अजय सिंह ने विश्वविद्यालय सभी विभागों और विद्यार्थियों को बधाई दी नैक ए प्लस प्लस की प्राप्ति पर और विद्यार्थियों को इसका महत्व भी समझाया उन्होंने बताया कि कैसे अब बच्चों को विद्यार्थियों को अपने अंदर एकेडमिक कॉमपिटेंस विकसित करने और अन्य विश्वविद्यालयों से आगे निकलने की होड़ में अपना साथ देना है। उन्होंने बताया कि कैसे विश्वविद्यालय में रिसर्च और प्रकाशन का एक सुनहरा इतिहास रहा है और विश्वविद्यालय और मनोविज्ञान विभाग हमेशा विद्यार्थियों के सपोर्ट और उनके अग्रसर होने में मददगार रहता है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे आज विश्वविद्यालय की हर विभाग के हर कमरे में स्मार्ट क्लास प्रोजेक्टर है जो आज की आवश्यकता के अनुसार विश्वविद्यालय ने इसका अनुपालन किया है।
अंत में प्रोफेसर धनंजय कुमार ने कार्यक्रम का समापन करते हुए बताया कि कैसे कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने आइक्यूएसी का गठन किया और उन्होंने विभाग की ओर से यशस्वी कर्म थी दृढ़ निश्चय कुलपति का आभार व्यक्त किया जिनके प्रयासों के कारण आज हमें नाक ए प्लस प्लस की उपलब्धि हासिल हुई है। उन्होंने सारे अतिथियों का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने अपने कीमती समय में से विभाग को अपना समय दिया और महाविद्यालयों से आए अन्य मनोविज्ञान परिवार और उनके सदस्यों का हार्दिक अभिनंदन और उनका आभार व्यक्त किया।
इस कार्यक्रम और नैक उत्सव के उपलक्ष पर विद्यार्थियों ने मनोविज्ञान विभाग को सजाकर तरह-तरह की रंगोली बनाकर विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग को सुसज्जित किया और विभाग के भविष्य को उज्जवल बनाने का प्रण लिया। इस कार्यक्रम में विभिन्न महाविद्यालयों के पुरातन छात्रों प्रो राम भूषण, प्रो अमृतांशु शुक्ला,प्रो सीमा त्रिपाठी, प्रो नज़िश बानो, डा गरिमा सिंह, डा निशा सिंह, डा विवेक शाही, डा विनोद गुप्ता, डा शोएब हसनने प्रतिभाग किया।
विभाग द्वारा कर्मचारियों को नैक के दौरान विशेष मेहनत लिए प्रोत्साहन उपहार दिया गया। अंत में अतिथियों द्वारा पौधारोपण किया गया और राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।