कुरआन की बातें (भाग 47)
सर्वप्रथम अभिशापित शैतान से बचने हेतु मैं ईश्वर की शरण लेता हूं। हिन्दी व्याख्या:- सूर: नबा (भाग 3), यह इस सूर: का अंतिम भाग है। इससे पहले नर्क वासियों की चर्चा हो चुकी है। नर्क उनकी प्रतीक्षा में होगी तथा उससे छुटकारा नहीं मिलेगा। कष्ट एवं यातनाओं की अकल्पनीय श्रृंखला से वहां साक्षात्कार होगा जिस […]
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