कुरआन की बातें (भाग 32)
(सर्वप्रथम) अभिशापित शैतान से बचने हेतु मैं ईश्वर की शरण लेता हूं। हिन्दी व्याख्या:- सूर: ग़ाशिय: (भाग 2), दरस-ए-कुरआन (भाग 31) में क़ियामत के दिन मानवजाति को दो समूहों में विभक्त होने की तथा उनकी मनोदशा एवं अंततः उनके साथ होने वाले व्यवहार का वर्णन है। अब प्रश्न करके स्वयं उन से पूछा जा रहा […]
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