कुरआन की बातें (भाग 24)
(सर्वप्रथम) अभिशापित शैतान से बचने हेतु मैं ईश्वर की शरण लेता हूं। हिन्दी व्याख्या:- सूर: ज़ुह़ा, यह सूर: आरम्भ काल की है, जब प्रारम्भिक कुछ अवतरणों के पश्चात आंशिक रूप से (25-40 दिनों तक) विराम लग गया था। हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम चिंतित थे कि मुझ से जाने अंजाने में कहीं कुछ ऐसा तो […]
Continue Reading