हदीस की बातें (भाग 03)

(सर्वप्रथम) अभिशापित शैतान से बचने हेतु मैं ईश्वर की शरण लेता हूं। हिन्दी व्याख्या:– हज़रत उमर इब्न अबी सलमा (रज़ि.) से रिवायत है, जिन्होंने कहा: अल्लाह के रसूल (सल्ल.ﷺ) ने मुझसे फ़रमाया (कहा): “बिस्मिल्लाह कहो (अल्लाह का नाम लो) और अपने दाहिने हाथ से खाओ, और जो तुम्हारे क़रीब है, वहीं से खाओ।” (बुख़ारी 5376) […]

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हदीस की बातें (भाग 2)

(सर्वप्रथम) अभिशापित शैतान से बचने हेतु मैं ईश्वर की शरण लेता हूं। व्याख्या:– हज़रत उमर बिन ख़त्ताब (रज़ि.) ने बताया कि उन्होंने अल्लाह के नबी हज़रत मुहम्मद (स.) को यह कहते हुए सुना: “सभी कर्म नीयतों पर टिके होते हैं, और व्यक्ति को वह मिलेगा जो उसने नीयत की है।  तो, जिसने अल्लाह और उसके […]

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हदीस की बातें (भाग 1)

(सर्वप्रथम) अभिशापित शैतान से बचने हेतु मैं ईश्वर की शरण लेता हूं। हिन्दी व्याख्या:– इस हदीस में साफ़-साफ़ यह बता दिया गया है कि इस्लामी तरीके में स्पष्ट रूप से हराम और हलाल की व्याख्या कर दी गई है। ह़लाल का मतलब वह काम जो आदमी कर सकता है और जिस के बारे में क़ुरआन […]

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